होली का उत्सव भगवान कृष्ण के बचपन की यादें और उसके श्रीराधा के साथ खेले जाने वाले गोपिका के साथ गोपिका के रंगों के खेल से आधारित है। 

होली के दिन लोग बहुत सारे विभिन्न रंगों का इस्तेमाल करते हैं, जो खुशी, प्रेम और जीवन के रंग को दर्शाते हैं।

 होली के दिन बहुत सारे खास व्यंजन बनाए जाते हैं, जिनमें गुजिया, दही भल्ले, थंडाई और बालूशाही शामिल हैं।

होली के उत्सव में लोग नाच-गाने के साथ खेलते हैं, जिसमें धोल, ढाल, और मुखड़े का इस्तेमाल होता है।

 होली के पर्व का मूल उद्देश्य बुराई को हराना और प्रेम और भाईचारे का संदेश फैलाना है।

कुछ स्थानों पर, होली के उत्सव में गाय और बकरियों के रंग भी खेले जाते हैं।

 होली का खेलने का प्रारंभ सुनने के पूर्व रात को होता है, जिसे होली की हैडी संगीत कहा जाता है।

 होली के उत्सव को अनेक बार फागुन मास का आखिरी दिन यानी धुलंडी के दिन मनाया जाता है।