“Open-Book Exams: Naye Daur Kee Pariksha Pranali”

ओपन-बुक परीक्षाएं,( Open-Book Exams ) पारंपरिक परीक्षाएं अलग-अलग हैं क्योंकि इसमे छात्रों को अपनी पाठ्यपुस्तकें और नोट्स ले जाने की अनुमति मिलती है। ये एक नया दृष्टिकोण है जिसे कुछ विश्वविद्यालय अपना रहे हैं। लेकिन, इसमें भी अपनी चुनौतियाँ होती हैं।एक मुख्य फ़ायदा ओपन-बुक परीक्षा का ये है कि छात्रों को वास्तविक दुनिया की समस्या-समाधान में मदद मिलती है। लेकिन, ये भी साबित होता है कि सिर्फ किताबों का रट्टा लगा कर काम नहीं चलता, बल्कि गहरी समझ भी जरूरी है।ओपन-बुक परीक्षाओं के दौर में छात्रों को समय प्रबंधन पर भी ध्यान देना पड़ता है, क्योंकि समय पर पाठ्यपुस्तकें खोजने में ज्यादा समय बर्बाद हो सकता है। साथ ही, प्रभावी नोट्स बनाने का भी एक तरीका होना चाहिए ताकि परीक्षा के समय उन्हें आसान से रेफर किया जा सके।क्या आर्टिकल में हम एक्सप्लोर करेंगे कि ओपन-बुक परीक्षाओं के लिए तैयारी करें, कुछ टिप्स और रणनीतियाँ क्या हैं। ये एक नया प्रतिमान बदलाव है शिक्षा प्रणाली में, जो छात्रों को सैद्धांतिक ज्ञान के अलावा व्यावहारिक अनुप्रयोग में भी माहिर बनाने का एक नया दरवाजा खोलती है। Open-Book Exams

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