इजराइल और हमास के बीच संघर्ष एक बार फिर से शुरू हो गया है, 20 मिनट के अंदर 5000 तक रॉकेट दाग दिये थे इस संघर्ष के पीछे क्या कारण हैं और क्या है भारत का रुख, इस पर एक नजर…
हमास और इजराइल के बीच तनाव पिछले कुछ महीनों से बढ़ रहा है. इस तनाव के पीछे कई कारण हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख कारण इस प्रकार हैं:
* इजराइल में पिछले कुछ महीनों में अरब-इजराइली समुदायों के बीच हिंसा बढ़ी है. इस हिंसा से दोनों समुदायों के बीच तनाव बढ़ गया है.
* इजराइल के पूर्वी येरुशलम में एक विवादास्पद मस्जिद के बाहर पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच टकराव बढ़ गया है. इस टकराव में कई लोग घायल हुए हैं और कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
* इजराइली सेना ने हाल के दिनों में गाजा पट्टी में हवाई हमले किए हैं. इन हमलों में कई हमास लड़ाके मारे गए हैं.
* हमास ने इजराइल पर रॉकेट हमले किए हैं. इन हमलों में इजराइल के कई शहरों में क्षति हुई है और कई लोग घायल हुए हैं.
भारत ने इजराइल और हमास के बीच संघर्ष पर गहरी चिंता व्यक्त की है. भारत ने दोनों पक्षों से संयम बरतने और तनाव कम करने का आग्रह किया है. भारत ने यह भी कहा है कि वह इस मामले में किसी भी तरह की मध्यस्थता के लिए तैयार है.
इस संघर्ष का आर्थिक प्रभाव भी पड़ेगा. इस संघर्ष के कारण इजराइल और गाजा पट्टी में पर्यटन और व्यापार प्रभावित होगा. इस संघर्ष के कारण तेल की कीमतों में भी वृद्धि हो सकती है.
इस संघर्ष का राजनीतिक प्रभाव भी पड़ेगा. इस संघर्ष के कारण इजराइल में राजनीतिक अस्थिरता बढ़ सकती है. इस संघर्ष के कारण इजराइल और फिलिस्तीन के बीच शांति प्रक्रिया भी प्रभावित हो सकती है.
इस्राइल-हमास युद्ध (Israel-Hamas conflict) का मुख्य कारण दो पैलेस्टीनी गठबंधन जमातों, जिन्हें हमास और इस्लामिक जिहाद कहा जाता है, और इस्राइल के बीच तनाव और संघर्ष है। इस कारणों की एक कड़ी से जुड़ी गुज़ारिश यह है:
1. बिना विचार-विमर्श के भूमिका खड़ी करना: इस्त्राइल और पैलेस्टाइनियन अरब आपसी बहस का शिकार रहे हैं, और उन्होंने अब तक किसी स्थायी समाधान की ओर कदम नहीं बढ़ाया है।
2. ईरान का समर्थन: हमास को ईरान द्वारा आर्थिक और सैन्य समर्थन मिलता है, जिससे उनका संघर्ष इस्राइल के खिलाफ़ बढ़ जाता है।
3. ज़मीन और आपसी समस्याएँ: कई तनावस्पद समस्याएँ जैसे कि ज़मीन, उपनिवेशन, निर्धारित यूद्धभूमि के मुद्दे इस संघर्ष को और भी तनावपूर्ण बनाते हैं।
4. आपसी दुश्मनता: इस्राइल और हमास के बीच देशी और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लम्बे समय से चल रहे आपसी दुश्मनता के कारण यह संघर्ष हो रहा है।
यह युद्ध नियमित रूप से फिर होता है, जिससे कई मासूम लोगों की जिंदगियों को प्रभावित किया जाता है। दुनिया भर में इसे समझौता करने और शांति बनाने के प्रयास हो रहे हैं, लेकिन अब तक संघर्ष जारी है।
इस्राइल और हमास के बीच की युद्ध का इतिहास कुछ इस प्रकार है:
1. **प्रारंभिक स्थितिः** इस्राइल और हमास के बीच के विवाद लम्बे समय से चल रहे हैं, लेकिन 2007 में हमास ने पैलेस्टाइन में राजकीय सत्ता का कब्जा किया, जिसके बाद से उनके बीच युद्ध बढ़ता चला गया।
2. **गजा युद्ध (2008-2009):** इस्राइल ने 2008 में गज़ा पट्टी के खिलाफ आक्रमण किया, जिसका परिणामस्वरूप एक 22-दिन की युद्ध हुआ। इसमें हमास और इस्राइल के बीच भारी जनसंख्या की नुकसान हुई।
3. **गजा युद्ध (2012):** 2012 में फिर से इस्राइल और हमास के बीच एक आक्रमण हुआ, जिसके बाद मित्रभावना की ओर कदम बढ़े और संघर्ष सुधरा।
4. **गजा युद्ध (2014):** 2014 में इस्राइल और हमास के बीच एक बड़ी युद्ध हुआ, जिसमें दोनों पक्षों के बीच जीवन और संपत्ति की भारी क्षति हुई।
5. **वर्तमान स्थिति:** 2021 में फिर से इस्राइल और हमास के बीच तनाव बढ़ गया, और एक 11-दिन की संघर्ष के बाद आग्रहण समझौता हुआ।
इन युद्धों के बीच, संघर्ष और सुलझाने के कई प्रयास किए गए हैं, लेकिन इस समस्या का स्थायी समाधान अब तक नहीं मिला है और इस्राइल-पैलेस्टाइन संघर्ष जारी है।
इजरायल और हमास के बीच गाजा पट्टी में हिंसा जारी है। इजरायल ने हमास के ठिकानों पर हवाई हमले किए हैं, तो हमास ने इजरायल के शहरों पर रॉकेट दागे हैं। इस हिंसा में अब तक दर्जनों लोग मारे गए हैं और सैकड़ों घायल हुए हैं।
इजरायल का कहना है कि वह हमास के ठिकानों को निशाना बना रहा है, जो गाजा पट्टी से इजरायल के शहरों पर रॉकेट दाग रहा है। हमास का कहना है कि वह इजरायल के हमलों का जवाब दे रहा है।
इस हिंसा से गाजा पट्टी में पहले से ही जर्जर बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचा है। कई इमारतें गिर गई हैं और हजारों लोग विस्थापित हुए हैं।
संयुक्त राष्ट्र ने दोनों पक्षों से युद्ध विराम की अपील की है, लेकिन अभी तक कोई सफलता नहीं मिली है।
बीबीसी की मानें तो पिछले महीने दोनों पक्षों के बीच संघर्ष शुरू हुआ था। यह संघर्ष तब शुरू हुआ जब इजरायल ने पूर्वी यरुशलम में एक मस्जिद में अरबों के प्रवेश को रोक दिया था। इस मस्जिद को मुसलमानों और यहूदियों दोनों द्वारा पवित्र माना जाता है।
इस संघर्ष के कारण इजरायल और हमास के बीच तनाव बढ़ गया था और अंततः युद्ध में बदल गया था।
संयुक्त राष्ट्र ने दोनों पक्षों से युद्ध विराम की अपील की है, लेकिन अभी तक कोई सफलता नहीं मिली है।
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