विश्व अस्थमा दिवस | अस्थमा क्या होता हैं | 2 मई को मनाया जाता है

                      विश्व अस्थमा दिवस

                         ( 2 मई )

विश्व अस्थमा दिवस, हर साल ।। मई के पहले मंगलवार को मनाया जाता है। यह दिन अस्थमा जैसी बीमारी के बारे में जागरूकता फैलाने और इसकी रोकथाम के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए विश्व भर में मनाया जाता है। इस दिन के अनुसार, दुनिया भर में विभिन्न आयोजन आयोजित किए जाते हैं, जिनमें शारीरिक गतिविधियों, संगोष्ठियों, सेमिनारों, मुफ्त चिकित्सा शिविरों आदि शामिल होते हैं। इन सभी कार्यक्रमों का मुख्य उद्देश्य लोगों को अस्थमा जैसी बीमारी के बारे में जागरूक करना होता है ताकि वे इस बीमारी से संबंधित समस्याओं के बारे में जानें और उन्हें समझें।

 अस्थमा एक ऐसी बीमारी है जो श्वसन प्रणाली से जुड़ी होती है। अस्थमा के मुख्य कारण श्वसन नलियों के अंदर एयरवे में एक समस्या होना होता है, जिससे श्वसन करने में मुश्किल होती है। यह समस्या एयरवे की दीवारों को सुखा देने वाले संदुष्ट पदार्थों या तापमान के उतार-चढ़ाव जैसे उत्प्रेरक घटकों के कारण होती है। जब ये संदुष्ट पदार्थ श्वसन नलियों में जमा हो जाते हैं, तो उन्हें हटाने के लिए श्वसन नलियों के दीवारों में इंफ्लेमेशन होता है, जो नलीज़ों को आँखों में सूजन और मलबा के उत्सर्जन के साथ उबाऊ बना देता है। इससे नलीज़ों के अंदर से आवाज़ आने लगती है और इस तरह अस्थमा का लक्षण प्रकट होता है।

अस्थमा के अन्य कारण शामिल हो सकते हैं जैसे प्रदूषण, उपयोग किए जाने वाले केमिकल द्रव्यों या लक्षणीय रोगों का सामना करना। इसके अलावा अस्थमा वाले लोगों में थकान, सांस की तकलीफ, सीने में दर्द आदि।

अस्थमा एक बहुत पुरानी बीमारी है जो दुनिया भर में पाई जाती है। वैज्ञानिक विश्लेषण से पता चलता है कि अस्थमा दुनिया में लगभग 3000 साल से भी अधिक समय से जाना जाता है।

प्राचीन चीनी, ग्रीक, और आर्युवेदिक चिकित्सा शास्त्रों में भी अस्थमा वर्णित है। इतिहास में, अस्थमा के लक्षणों को ज्वर, कासदम, उदरशूल, उदरकण्ठ, श्वसन तंत्र रोग, श्वसन ज्वर, फुसफुसाहट, या दमा जैसे नामों से भी जाना जाता था।

अस्थमा के नाम का प्रथम उल्लेख 17वीं शताब्दी में हुआ था जब जोहान स्वीडेन का डॉक्टर, Johannes Ferreolus von Horne, ने इसे “asthma” के नाम से वर्णित किया था।

पहला विश्व अस्थमा दिवस :-

पहला विश्व अस्थमा दिवस 7 मई 1998 को मनाया गया था। यह दिन अस्थमा के बारे में जागरूकता फैलाने और इस बीमारी से पीड़ित लोगों के लिए समर्पित होता है। इस दिन के माध्यम से लोगों को अस्थमा और इसके लक्षणों के बारे में जागरूक किया जाता है ताकि वे इस बीमारी के प्रति सचेत रहें और उचित इलाज के माध्यम से इसका समाधान पाएं।

GINA (Global Initiative for Asthma) एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है, जो अस्थमा के मामलों को समझने, उपचार करने और इस समस्या के संबंध में जागरूकता बढ़ाने के लिए गतिविधियों को निर्देशित करता है। इस संगठन का मुख्य उद्देश्य है अस्थमा रोगियों को उनके रोग के बारे में जागरूक करना, अस्थमा रोग के सम्बंध में जानकारी प्रदान करना, व्यक्तिगत उपचार योजना बनाना और इस रोग के व्यवहार को बेहतर बनाने के लिए लोगों को जागरूक करना है।

GINA उत्पादों, उपचार दिशानिर्देशों, अस्थमा रोगियों के लिए शिक्षा और जागरूकता कार्यक्रम जैसे कई संबंधित कार्यक्रमों का आयोजन करता है। GINA का उद्देश्य है कि वह अस्थमा से पीड़ित लोगों के लिए व्यवहार-विशेषज्ञों, चिकित्सकों और अन्य स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों के लिए नवीनतम तकनीकों, उपचारों और सूचनाओं के संबंध में संशोधित रहे।

7 thoughts on “विश्व अस्थमा दिवस | अस्थमा क्या होता हैं | 2 मई को मनाया जाता है”

Leave a Comment