मशहूर शायर मुनव्वर राणा का देर रात कार्डियक अरेस्ट से निधन हो गया है. उनका हॉस्पिटल में इलाज चल रहा था। आज एक आवाज शांत हो गई इन्होंने माँ पर कई रचनाये लिखी इसकी के साथ और भी शायरी लिखी। इनका इलाज लखनऊ में चल रहा था मुनव्वर राणा को हार्ट और किडनी की समस्या थी।
मुनव्वर राणा की कई रचनाये है जिसमे से एक ये है
किसी के ज़ख्म पर चाहत से पट्टी कौन बांधेगा
अगर बहनें नहीं होंगी तो राखी कौन बांधेगा
जहां लड़की कि इज़्ज़त लुटना एक खेल बन जाए
वहां पर ऐ कबूतर तेरे चिट्ठी कौन बांधेगा
ये बाज़ार-ए-सियासत है यहां ख़ुद्दारियां कैसी
सभी के हाथ में कासा है मुट्ठी कौन बांधेगा
तुम्हारी महफ़िलों में हम बड़े बूढ़े ज़रूरी हैं
अगर हम ही नहीं होंगे तो पगड़ी कौन बांधेगा
मुक़द्दर देखिए वो बांझ भी है और बुढ़ी भी
हमेशा सोचती रहती है गठरी कौन बांधेगा
पिछले साल मुनव्वर राणा को तबीयत खराब होने पर लखनऊ के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था. तब भी उनकी हालत इतनी बिगड़ गई थी कि उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था. देर रात इनका निधन हो गया।
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